फर्जी सिम जारी करने वाले 2 पीओएस संचालकों पर

गौरेला/ गौरेला थाना क्षेत्र में फर्जी सिम कार्ड सक्रिय करने के मामले में जीपीएम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो सिम विक्रेताओं को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी ग्राहकों को धोखा देकर उनकी पहचान से फर्जी सिम कार्ड जारी कर रहे थे।

छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रत्येक जिले में सक्रिय फर्जी POS संचालकों की जानकारी जांच हेतु जिलों को दी गई थी जिसके बाद अग्रिम जांच के दौरान अपराध की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक  भावना गुप्ता ने थाना प्रभारी गौरेला निरीक्षक नवीन बोरकर और सायबर सेल जीपीएम को तत्काल आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल के मार्गदर्शन में तथा उप पुलिस अधीक्षक  दीपक मिश्रा के सुपरविजन में थाना प्रभारी गौरेला और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने तत्परता से जांच कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। कार्यवाही में मुख्य भूमिका साइबर सेल के उप निरीक्षक सुरेश ध्रुव, सहायक उप निरीक्षक मनोज हनोतिया, प्रधान आरक्षक रवि त्रिपाठी, आरक्षक राजेश शर्मा सुरेन्द्र विश्वकर्मा हर्ष गहरवार इंद्रपाल आर्मो और दुष्यंत मसराम की रही।

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टेलीकॉम एक्ट के तहत कार्यवाही, संगीन धाराओं में अपराध दर्ज

गिरफ्तार किए गए सिम विक्रेताओं के नाम उमाशंकर चक्रधारी (33 वर्ष) निवासी न्यू रायपुर मोबाइल दुकान, पुराना गौरेला, वार्ड नंबर 7 और मोहनीश श्रीवास्तव (22 वर्ष) निवासी अहिरान टोला, वार्ड नंबर 14, थाना गौरेला, जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही (छ.ग.) हैं। इनके खिलाफ थाना गौरेला में अपराध क्रमांक 72/2025 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 318(2), 318(3), 318(4), 316(2), 61(2)(b) एवं सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 66(सी) और 66(डी) और टेलीकॉम एक्ट 2023 की धारा 42 (3 e) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जनता से अपील

इस मौके पर जीपीएम पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और ओटीपी किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा न करें। फर्जी सिम कार्ड का उपयोग साइबर अपराधों में किया जा सकता है, जिससे अनजाने में आप कानूनी पचड़ों में फंस सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को संदेहास्पद कॉल, सिम कार्ड से संबंधित धोखाधड़ी या साइबर अपराध की कोई जानकारी मिलती है, तो तुरंत नजदीकी थाना या साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं।

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