बिलासपुर :- सरकार ने गांव की मवेशियों के लिये सुराजी गांव योजना चालू की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रमुख योजनाओं में इसे शामिल किया गया। ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा गरुवा घुरुवा बाड़ी का बिलासपुर जिले में क्या हाल है,इसे मॉडल बनाये गए गौठान में जाकर आसानी से समझा जा सकता है। जिला प्रशासन की लापरवाही से सीएम की प्रमुख योजना का हाल बेहाल है जिसके चलते गौठान में एक भी मवेशी दिन में नजर नहीं आ रहे है।
गौठान में मवेशियों के लिए उपलब्ध होने वाली मूलभूत सुविधायें भी नदारत
छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना में बिलासपुर जिले में गौठान का निर्माण जिले में करने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया। इसमें से कई गौठान को मॉडल गौठान के रूप में बनाया जाना था,जिनमें से तखतपुर ब्लॉक ग्राम पंचायत मेंड्रा में बना हमर गौठान भी है। प्रदेश सरकार की प्रमुख योजना का हाल देखते ही बना। गौठान में दिन में एक भी मवेशी नजर नहीं आये। गौठान में मवेशियों के लिए उपलब्ध होने वाली मूलभूत सुविधायें भी देखने को नहीं मिली।बिलासपुर जिला से महज सात किलोमीटर दूर मेंड्रा ग्राम में बने गौठान में मवेशियों के लिए न पानी की व्यवस्था टैंक में दिखी न खाने के लिए घास पैरा की व्यवस्था नजर आई। यहां सूत्रों से पता चला कि उद्धघाटन के बाद से यहां गायों के लिए चारे व पानी की व्यवस्था नहीं है। कोई अफसर झांकने तक नहीं आता और हाल यह है कि यहां कोई भी गाय नजर नहीं आती है।
जिला प्रशासन को दिया गया निर्देश आदेश पालन नहीं हो रहा है
ग्राम पंचायत मेंड्रा गांव में बने मॉडल गौठान का उदघाटन किया था। तब भी उन्होंने जिला प्रशासन को शासन की महत्वपूर्ण योजना को गम्भीरता से लेने की बात कही थी। पर उदघाटन के बाद गौठान का क्या हाल है इधर देखने की जरूरत मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों ने नहीं समझी। गौठान के उद्घाटन के बाद इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। जिसके चलते चरवाहा आज भी मवेशियों को जंगल ले जा रहे हैं। अब जिला प्रशासन को उनके द्वारा अधूरे काम को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने यह भी दलील दी कि बारिश के कारण जंगल में चारा चरने मवेशी बाहर जा रहे हैं। आने वाले समय में यह व्यवस्था सही हो जाएगी। पर सवाल यह कि गौठान के साथ चारागाह भी बनाया जाना था, आखिर मॉडल पंचायत में वह कहां है।