आपातकालीन वाहन: अब ट्रैफिक सिग्नल नहीं बनेंगे समस्या
आपातकालीन वाहन

रायपुर। आपातकालीन वाहन  Green Passage for Emergency vehicle एंबुलेंस से मरीजों को अस्‍पताल ले जाने के लिए अब ट्रैफिक सिग्नल समस्या नहीं बनेगा। चौक-चौराहों पर पहुंचते ही सिग्नल ग्रीन हो जाएगा। एंबुलेंस के संचालन के लिए रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड, नगर निगम रायपुर और यातायात पुलिस ने ग्रीन कारिडोर योजना तैयार की है। जिसके तहत ट्रैफिक सिग्नल पर एंबुलेंस दिखाई देते ही ग्रीन कारिडोर बन जाएगा। जिससे रास्ता साफ होगा और मरीज को समय से अस्पताल पहुंचने में मददगार होगा। यह व्यवस्था को रायपुर में शुरू कर दी गई है।

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रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के प्रबंध संचालक अबिनाश मिश्रा के अनुसार मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने त्वरित सेवा प्रदान करने एक ऐसी स्वचलित प्रणाली तैयार की गई है, जिसमें जीपीएस इनेबल्ड 108-एंबुलेंस से संदेश प्राप्त होते ही कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के सिग्नल ग्रीन हो जाएंगे। इससे  न्यूनतम समय में गंतव्य अस्पताल तक पहुंच पाएंगे।

आपातकालीन वाहन में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहर में 108 एंबुलेंस जुड़े

उन्होंने बताया की पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहर में सेवा दे रहे 108 से जुड़े एंबुलेंस को इससे जोड़ा गया है और आगे चलकर दूसरे जिलों व निजी व शासकीय अस्पतालों से संबद्ध  को भी इससे जोड़ा जाएगा। आवागमन व सिग्नल रेड होने के कारण विलंब न हो, इसलिए यह व्यवस्था की गई है। दूसरे  इस सेवा की आपातकालीन जरूरत होने पर अपने जीपीएस आन कर उस पर लगे बटन से ग्रीन कारिडोर का अनुरोध भेज सकेंगे।

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मरीजों को कम समय में अस्पताल पहुंचाया जा सकता है?

एमडी मिश्रा ने इस पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया कि जीपीएस इनेबल्ड एंबुलेंस की लाइव लोकेशन और ऑन-ऑफ ड्यूटी स्थिति संबंधी डाटा एपीआइ के माध्यम से आईटीएमएस के सेंट्रल कमांड सेंटर तक पहुंचेगी। इससे जुड़े एटीएस सिस्टम रियल टाइम की जानकारी कमांड सेंटर तक जैसे ही देंगे। एंबुलेंस के सिग्नल जंक्शन के 250 फीट की सीमा पर पहुंचते ही सिग्नल ग्रीन हो जाएगा।

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एंबुलेंस-ग्रीन कारिडोर की सुविधा से  यात्रा का समय कम होगा और आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों के गंतव्य तक त्वरित गति से पहुंचाने में सुविधा होगी। अंगदान संबंधी स्थितियों में भी ग्रीन कारिडोर की भूमिका अहम होगी और स्वचलित व्यवस्था होने से कम पुलिस कार्य बल की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि विलंब से मिलने वाली चिकित्सा सहायता के कारण होने वाले मौतें भी इस सेवा के शुरू होने से कम करने में मदद मिलेगी।

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