डोंगरगांव: world sickle cell / विश्व सिकल सेल दिवस पर स्कूल के शिक्षकों के द्वारा सिकल सेल की बीमारी के संबंध में जानकारी देकर ग्रामीणों को जागरूक किया गया। दिनांक 19 जून बुधवार को शासकीय प्राथमिक शाला चिचदो की सहायक शिक्षिका श्रीमती कनिका सोनी के द्वारा ग्राम चिचदो के ग्रामीणों को जागरूक करने हेतु सिकल सेल की जानकारी रंगोली एवं पेंटिंग के माध्यम से दी। रोग के लक्षण व पहचान इत्यादि के बारे में बताया।
सिकल सेल की जानकारी रंगोली व पेंटिंग के माध्यम
रंगोली व पेंटिंग के माध्यम से ग्रामीणजनों को सिकलिन के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित किया। श्रीमती के. सोनी ने बताया कि सिकल सेल रोग के लक्षणों के संबंध में ग्रामीणों को बताते हुए कहा कि रोग होने पर भूख न लगना, खून की कमी दीर्घकालीन बुखार आना, थकावट त्वचा एवं आंखों में पीलापन बार-बार पेशाब आना, चिड़चिड़ापन और व्यवहार में बदलाव, वजन और ऊंचाई सामान्य से कम, हाथ व पैर में सूजन, सांस लेने में तकलीफ हड्डियों और पसलियों में दर्द इत्यादि लक्षण है। हीमोग्लोबिन हमारे शरीर में सभी कोशिकाओं तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है लेकिन सिकल सेल रोग से यह काम बाधित हो जाता है।
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पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाले इस रोग में गोलाकार लाल रक्त कण हंसीयें के रूप में परिवर्तित होकर नुकीले और कड़े हो जाते हैं। यह रक्त कण शरीर की छोटी रक्त वाहिनियों में फंसकर लीवर, किडनी, मस्तिष्क आदि अंगों में रक्त प्रवाह को बाधित कर देते हैं। वहीं ग्रामीणों को जानकारी देते हुए बताया कि सिकलिंग टेस्ट शासकीय सामुदायिक अस्पताल में कराया जा सकता है।