DFO को हटाने आंदोलन दी चेतावनी

नगरी –अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद गरियाबंद के द्वारा DFO को हटाने के लिए आंदोलन करने की चेतावनी दी साथ ही महामहिम राज्यपाल भवन,रायपुर मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, जिलाधीश गरियाबंद, छत्तीसगढ़
के नाम पर ज्ञापन सौपा

जिसमे आदिवासी के ऊपर फर्जी मामला बनाकर वन विभाग द्वारा थर्ड डिग्री टार्चर अत्यधिक शारीरिक प्रताड़ना करने के संबंध में ज्ञापन दिया कि हजारी पिता-तुलसी नेताम, ग्राम- कारीमाटी, वि ख.-मैनपुर जिला-गरियाबंद को वनविभाग द्वारा 3 दिन तक -अपनी कस्टडी में रखकर, मानवता को शर्मसार करते हुए कानून को ताक में रखकर वनविभाग द्वारा थर्डडिग्री का टार्चर करते हुए. शारीरिक रूप से गंभीर चोट पहुंचाया है। जिसकी संज्ञान माननीय न्यायालय देवभोग ने भी लिया है। घटना को लेकर पीडित के द्वारा थाना-इंदागांव में FIR दर्ज अभी कराया गया है।

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इस तरह के कई घटना वर्तमान DFO वरूण जैन उन्दती., सीतानदी अभ्यारण के द्वारा किया गया है। जिसे लेकर जिले के आदिवासी समाज कई बार धरना घेराव करके उक्त डीएफओ के खिलाफ कार्यवाही करने एवं हटाने की मांग कर रहे हैं। मगर अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही हो रही है।अतः महोदय से निवेदन है कि उक्त घटना की शीघ्र जांचकर दोषियों पर कार्यवाही करते हुए., वर्ंमान DFO वरूण जैन की शीघ्र हटायी जाए। मांग़ पूरी नही होने की रिथति में अगामी एक सप्ताह के भीतर आदिवासी समाज उग्र आंदोलन एंव घेराव करने के लिए बाध्य होंगे।

DFO  ने जानकारी पर जिस पर कार्यवाही की गई निर्दोष नही : डीएफओ

सीतानदी उदन्ती डीएफओ वरुण जैन से इस सम्बंध में हमारे सवांददाता ने दूरभाष पर चर्चा की तो उनका कहना था कि हजारी पिता तुलसी नेताम ने भालू का शिकार किया था, जिसका पुख्ता सबूत है कि किस प्रकार से हजारी नेताम ने बम का प्रयोग किया, जिसका सेवन करने से भालू की मौत हुई, साथ ही जब आरोपी को उड़ीसा से लाकर उसके घर की तलाशी ली गई तो भालू के शरीर की चमड़ी सहित अन्य अवयव, फंदे बरामद हुए।

हजारी नेताम को जब माननीय अदालत में पेश किया गया था तो उसके शरीर पर कुछ चोटों के निशान थे, एक चूक विभाग से हुई थी कि आरोपी का मेडिकल चेकअप नहीं कराया जा सका था।

डीएफओ ने आगे बताया कि इस केस में उनके द्वारा विभाग के दो कर्मचारियों को सस्पेंड भी किया गया था। उन्होंने कहा कि आदिवासी विकास परिषद जो भी मांग मेरे विरुद्ध कर रही है, वे अपने नजरिये से अपनी जगह पर सही हो सकते हैं, लेकिन मेरे द्वारा किसी भी निर्दोष को प्रताड़ित नहीं किया गया है साथ ही सदैव मेरे द्वारा आदिवासी वर्ग के लोगों और समाज का हमेशा सम्मान किया गया है।

डीएफओ ने आगे बताया कि एन्टी पोचिंग टीम द्वारा अब तक 134 शिकारियो को पकड़ा है जिससे मानव-वन्यप्राणी द्वन्द में गिरावट आयी है और विगत डेढ़ वर्षो में कोई भी जनहानी नहीं हुई है.

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