नगरी/ ब्लॉक के ग्राम दलदली में कृषि वानिकी योजना का शुभारंभ जिलाधीश नम्रता गांधी के करकमलों संपन्न हुआ इस योजना के तहत कृषक भूमि पर ग्राफ्टेड आंवला पौधे का रोपण किया गया जिसमे डीएफओ श्री कृष्णा जाधव के साथ प्रशानिक अमला और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
कृषि वानिकी योजना: दलदली में ग्राफ्टेड आंवला पौधा रोपण कार्यक्रम संपन्न
पुष्प गुच्छ से स्वागत सत्कार पश्चात गुरुवार को प्राथमिक वनोपज समिति नगरी के अंतर्गत आने वाले फड़ दलदली में ग्राफ्टेड आंवला पौधा रोपण कार्यक्रम संपन्न हुआ। कलेक्टर नम्रता गांधी के साथ प्रशानिक अधिकारियों ने फलदार वृक्ष आंवला का रोपण किया। ज्ञात हो कि लघु वनोपज संग्रहको के अतिरिक्त आय बढ़ने की दिशा में वनमंडलाधिकारी श्री कृष्णा जाधव के निर्देश पर धमतरी डिविजन प्रयासरत है। इस योजना में इच्छुक कृषकों को ग्राफ्टेड आंवला, बेर, जामुन, इमली के पेड़ दिए जा रहे है, जिसे रोपण करके संग्राहक अतिरिक्त लाभ कर सकेगा।
उपप्रबंध संचालक एफ आर कोसरिया ने बताया कि धमतरी डिविजन में ग्यारह हजार ग्राफ्टेड आंवला, सात हजार बेर, तीन सौ चौरालीस जामुन और साठ नग इमली पौधे का रोपण किया जाना है जिसका शुभारंभ ग्राम दलदली से किया गया है। आंवला और बेर पेड़ कृषकों की पहली प्राथमिकता है,
गोरेगांव स्कूल में पौधा रोपण किया गया
यह वृक्ष चार से पांच साल में फल देना शुरू कर देगा, बेर पेड़ में किसान लाख लगाकर भी अपने आमदनी में वृद्धि कर सकता है। चुकीं प्राथमिक वनोपज समितियों द्वारा स्व सहायता समूहों के माध्यम से वनोपज का संग्रहण किया जाता है, इसलिए कृषक ग्राम के ही स्व सहायता समूहों को वनोपज विक्रय कर आमदनी प्राप्त कर सकते है। नगरी समिति में 974 वृक्ष का रोपण किया जाना है और पूरे डिवीजन में कुल 18404 वृक्ष का रोपण किया जायेगा।
कार्यक्रम अवसर पर सरपंच प्रदीप कुंजाम, जनपद सदस्य रेणुका ध्रुव, ग्राम पटेल नरेश कोर्राम ग्रामीण राम कुमार, हीरामन, तुकेश्वरी, घुरंतीन, जीवन लाल सहित वन विभाग अधिकारी, कर्मचारी, प्रबंधक, वनधन मित्र उपस्थित थे
ग्राफ्डेट आंवला का पौधा मलीहाबाद ज़िला लखनऊ उत्तर प्रदेश से मंगाया गया है, इस पेड़ की विशेषता यह है की इसमें बड़े बड़े फल तो लगते ही है वे गुच्छेदार होते है जिससे इसकी उत्पादन क्षमता अधिक होती हैं, इसके लिए संग्राहको ने भी अंशदान दिया है, आंवला के एक पेड़ की कीमत 50 रुपए है जिसमे संग्राहकों ने 25 रुपए और बेर की कीमत 10 रुपए है जिसके लिए संग्राहकों ने 5 रुपये अंशदान किया है।