ग्राम पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

अम्बिकापुर/  ग्राम पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते ग्रामीण विकास के कई कार्य ठप हो गए हैं। सचिव संघ का कहना है कि सरकार ने ‘मोदी की गारंटी’ के तहत 100 दिनों के भीतर उनके शासकीयकरण का वादा किया था, लेकिन डेढ़ साल बीतने के बावजूद अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है।

ग्राम पंचायत सचिवों की इस हड़ताल का असर ग्रामीण प्रशासन पर साफ दिख रहा है। मनरेगा, पेंशन, राशन कार्ड, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, स्वच्छता मिशन जैसी योजनाओं के कार्य बाधित हो गए हैं, जिससे ग्रामीण जनता को भारी परेशानी हो रही है।

सचिव संघ के प्रतिनिधियों ने कहा, “हम वर्षों से संविदा पर काम कर रहे हैं, लेकिन हमें अब तक स्थायी नहीं किया गया। सरकार ने हमें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम हड़ताल जारी रखेंगे।”

सरकार की चुप्पी पर सवाल

सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है। सचिव संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। अब यह देखना होगा कि सरकार ग्राम पंचायत सचिवों की मांगों को कब तक पूरा करती है और ग्रामीण कार्यों को फिर से सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या कदम उठाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *