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बिलासपुर :-ग्रामोद्योग विभाग के सौजन्य से जिला हाथकरघा कार्यालय बिलासपुर द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ के कोसा एवं सूती हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी में कोसा एवं सूती वस्त्रों की भारी मांग बनी हुई है। कोसा (सिल्क) के वस्त्रों को पूजा के अवसर पर पहनना शुद्ध माना जाता है, जिसके फलस्वरूप पूजा हेतु छत्तीसगढ़ के कोसा वस्त्रों को बहुत पसंद किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एसईसीएल के बसंत क्लब, बसंत विहार कॉलोनी में 25 मई से 1 जून तक हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ प्रदेश के कोसा एंव सूती हाथकरघा बुनकरों की कला एवं उत्कृष्ट डिजाईनों को आम नागरिक तक सीधे पहुंचाना तथा छत्तीसगढ़ के बुनाई कला से परिचय कराना है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के हाथकरघा पर उत्पादित वस्त्रों को एक छत कि नीचे सग्रहीत कर आम नागरिक तक पहुंचाना तथा प्रदेश के बुनकरों के लिये नियमित रोजगार के अवसर में वृद्धि करना है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश के हाथकरघा कोसा वस्त्र बुनाई कला राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। प्रदेश के बुनकर कलाकारों को अपनी उत्कृष्ट बुनाई कला हेतु राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर प्रतिवर्ष पुरस्कार प्राप्त होते है। ऐसे पुरस्कृत बुनकर कलाकारों के डिजाईनों को हाथकरघा पर महीन ताना बाना के धागों से सजाकर वस्त्र तैयार किये गये कोसा एवं सूती वस्त्रों को प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी के नोडल अधिकारी एवं जिला हाथकरघा कार्यालय के उप संचालक श्री डोमूदास धकाते ने बताया कि उक्त प्रदर्शनी को बिलासपुर के नागरिक द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है। प्रदर्शनी में प्रदर्शित हाथकरघा वस्त्रों की बहुत मॉग है। बुनकरों द्वारा तैयार कलात्मक कॉटन चादर, बम्लेश्वरी बुनकर सहकारी समिति मर्यादित रामाटोला द्वारा तैयार कॉटन दरी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। छत्तीसगढ़ के कुल 25 बुनकर सहकारी समिति के 30 प्रतिभागी बुनकरों ने प्रदर्शनी में भाग लिया है। उनके द्वारा उत्कृष्ट कलात्मक कोसा साडी, कोसा ड्रेस मटेरीयल, कोसा शॉल, सूती साडियॉ, दुपट्टा, शत-प्रतिशत सूती (कॉटन) चादर, बेडशीट, पिलो-कव्हर, टॉवेल, गमछा, रूमाल आदि आकर्षक वस्त्रों का प्रदर्शन किया गया है। इसी प्रकार ग्रामोद्योग घटक के हस्तशिल्प विकास बोर्ड के माध्यम से धातु, काष्ठ, बॉस, आयरन, फास्टफुड, धान-ज्वेलरी आदि एवं खादी ग्रामोद्योग बोर्ड से खादी के वस्त्र, हनी, साबुन, मिर्च मसाला आदि के उत्कृष्ट आईटमों को प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी का आज आखिरी दिन है, जो कि सुबह 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुली रहेगी।

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