पाली में शास्त्रीय नृत्य और संगीत का भव्य आयोजन

कोरबा :- संस्कार भारती जिला इकाई कोरबा के तत्वाधान में तथा संस्कार भारती नगर इकाई पाली के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के खजुराहो ऐतिहासिक प्राचीन शिव मंदिर पाली के आध्यात्मिक प्रांगण में शास्त्रीय नृत्य,गीत एवं शास्त्री वादन का कार्यक्रम संपन्न हुआ।यह आयोजन नाट्यशास्त्र के प्रणेता आचार्य भरत मुनि की जयंती माघ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर आयोजित किया गया।

इस आयोजन का शुभारंभ नगर के वरिष्ठ नागरिक गोविंद वैष्णव वरिष्ठ पत्रकार नवभारत, शिक्षक मदन चौबे,भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय भावनानी तथा नगर के प्रसिद्ध व्यवसायी दीपक सोनकर एवं संस्कार भारती नगर इकाई पाली की अध्यक्ष श्रीमति संध्या ठाकुर के द्वारा भगवान नटराज तथा मां भारती की छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात आमंत्रित सभी अभ्यागतों का तिलक अक्षत से स्वागत किया गया। स्वागत उद्बोधन।

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भरत मुनि द्वारा रचित  नाट्य शास्त्र को पाँचवाँ वेद माना

अनिता जयासावल ने प्रस्तुति दी। संस्कार भारती के क्षेत्रीय संयोजक मानसर जी ने संस्कार भारती के उद्देश्यों का वाचन किया। जिला उपाध्यक्ष संजय भवनानी ने अपने संबोधन में संस्कार भारती द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना की. गोविंद वैष्णव ने अपने उद्बोधन में भरत मुनि द्वारा रचित नाट्य ग्रंथ नाट्य शास्त्र पर अपना आख्यान प्रस्तुत किया। नाट्य शास्त्र को पाँचवाँ वेद माना जाता है और यह 64 कलाओं का विस्तृत विवरण प्रदान करता है, जो मुख्य रूप से नृत्य, संगीत, वाद्ययंत्र, मंच व्यवस्था, वेशभूषा, संवाद जैसे नाटकीय कलाओं से संबंधित विषयों पर केंद्रित है।

नाटक शास्त्र ग्रंथ में 36 अध्याय तथा 6000 श्लोक

वर्तमान में उपलब्ध नाटक शास्त्र ग्रंथ में 36 अध्याय तथा 6000 श्लोक है। प्रथम शताब्दी के पूर्व का लिखा माना जाता है। भारतीय परंपरा और संस्कृति को जानने की उपक्रम में यह ग्रंथ भारत महत्वपूर्ण है। यह सामाजिक समरसता का श्रेष्ठ उदाहरणों है। अतः हम सभी का दायित्व है कि सर्व प्रथम हम अपने प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन करें जिससे हम अपनी गौरवशाली परंपरा को गहराई से जान सके।

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शास्त्रीय नृत्य, गीत एवं शास्त्री वादन का कार्यक्रम संपन्न

कार्यक्रम की शुरुआत कोरबा की प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना सुश्री संस्मृति वोहरा की प्रस्तुति से हुई। संस्मृति वोहरा ने माननीय प्रधान मंत्री मोदी और अन्य विश्व नेताओं के सामने अपना प्रदर्शन प्रस्तुत किया। इसके बाद गणेश राम बेरेथ और उनके शिष्यों अविगत मानिकपुरी और कृष्णकांत साहू ने तबला और शास्त्रीय वायलिन का प्रदर्शन किया। राम प्रसाद सारथी और उनकी शिष्या पृथा मिश्रा ने शास्त्रीय संगीत राग भैरवी और यमन प्रस्तुत किया। कोरबा के पिता-पुत्र की जोड़ी, तबले पर प्रयंत पांडे और हारमोनियम पर उनके पिता ने विभिन्न ताल का प्रदर्शन किया।

आराध्या लोहानी और लतिका थापा की प्रस्तुतियां

तत्पश्चात कटघोरा नगर की कथक कला साधक कुमारी आराध्या लोहानी ने कथक की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। कोरबा की प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना सुश्री लतिका थापा ने अपने नृत्य में भगवान शिव की आराधना प्रस्तुत कर समस्त दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया इस प्रकार यह कार्यक्रम पाली नगर के लिए एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बन गया। इससे पहले इस नगर में इस तरह का का विशुद्ध शास्त्रीय आयोजन कभी नहीं हुआ था।

विधाओं का संरक्षण संवर्धन

संस्कार भारती का उद्देश्य प्राचीन काल विधाओं का संरक्षण संवर्धन कर सांस्कृतिक प्रदूषण दूर करना है। इसलिए संस्कार भारती ऐसे कलाकारों को एक मंच प्रदान करती है। इस कार्यक्रम संस्कार भारती के पदाधिकारी के अलावा टीपी उपाध्याय,आईपी कश्यप बीईओ कटघोरा,जितेंद्र माटे,विशाल मोटवानी,लक्ष्मी चंद भावनानी,गुरदयाल सिंह,अक्षय दुबे,मुकेश कौशिक,दीपक शर्मा,राजेश अवस्थी,अजय दीवान उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम में राकेश मिश्रा,श्रीमती सीमा देवांगन जी का अथक परिश्रम रहा तथा कार्यक्रम सयोंजन मे श्रीमती अंशुमाला,श्रीमती राजेस्वरी सैनी, मरावी मैडम श्रीमती पूनम दुबे, विनोद शर्मा एवं अन्य सदस्यों का भी सहयोग रहा कार्यक्रम का संचालन भवानी गोपाल तथा संस्कार भारती जिला महामंत्री शिव दुबे जी ने किया। वन्देमातरम गीत गायन के पश्चात कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।

 

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