
जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि जिला पंचायत बिलासपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर.पी.चौहान के संरक्षण में जमकर कमीशनखोरी का खेल खेला जा रहा है और भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को बचाने के लिए इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर सदन की कार्यवाही को भी शून्य कर दिया हैं। पिछले सामान्य सभा की बैठक में जिला पंचायत के सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक पूनम तिवारी के द्वारा सरपंचों से 10 प्रतिशत की कमीशन,ठोस तरल एवं अपशिष्ट प्रबंधन के लिए खरीदी की गई सामग्रियों में अनियमितता व राज्य स्वच्छ भारत मिशन के आदेश के बावजूद 1 नवंबर 2020 से होने वाले समस्त भुगतान को भी स्टेट नोडल अकाउंट से नहीं करते हुए बिलासपुर स्वच्छ भारत मिशन के द्वारा जिला पंचायत व जनपद पंचायत के खातों से कर दिया गया था इस मामले में जांच कर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया था परंतु 2 महीने बाद वह सामान्य सभा की बैठक में भ्रष्ट अधिकारी को संरक्षण देते हुए सदन की कार्यवाही को ही जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने शुन्य कर दिया जो दुर्भाग्य का विषय है।इस पूरे विषय को आज बिलासपुर कलेक्टर को अवगत कराते हुए जांच टीम गठित कर उचित कार्यवाही की मांग की गई है।
जिला पंचायत सभापति संदीप यादव बताया कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए 15 वें वित जैसे मुख्य दायित्व को जिला पंचायत में उपसंचालक के होते हुए भी एक संविदा कर्मचारि को दे दिया है। सभापति मीनू सुमंत यादव व गोदावरी कमलसेन ने कलेक्टर को बताया कि रोजगार गारंटी योजना में बिलासपुर 23 वें स्थान पर है इसलिए जनप्रतिनिधियों के मांग पर जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य स्वीकृत करने की मांग रखी।
ज्ञापन सौंपने वालों में गोविंद यादव,नंगोई सरपंच प्रतिनिधी बुधनाथ पैगोर,बैमा सरपंच प्रतिनिधि दीपक नायक,लोफन्दी सरपंच रामाधार सुनहले,पवन पाठक,सचिन धीवर,अवधेश कमलसेन,हितेश धीवर,नगमा खान,संतोष हजारी,प्रलय विश्वकर्मा,अजय सिंह व ग्रामवासी उपस्थित रहें।