स्टार्टअप के लिए ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना का ऐलान

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में 2025-26 के लिए 8वां केंद्रीय बजट पेश किया। बजट में सीतारमण ने नवोदित उद्यमियों के विकास को प्रेरित करने हेतु 10 हजार करोड़ रुपये के कोष के साथ स्टार्टअप के लिए नई ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना का एलान किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025-26 में स्टार्टअप के लिए ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना का यह उल्लेख विशेष महत्व रखता है क्योंकि सरकार स्टार्टअप के माध्यम से नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने अब तक 1.57 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी है।

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सरकार ने स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से इस विकास को समर्थन देकर उद्यमियों की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया है। स्टार्टअप इंडिया की कार्य योजना 16 जनवरी 2016 को लागू की गई थी। केंद्र सरकार ने उसी वर्ष स्टार्टअप की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के कोष के साथ ‘फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स’ (एफएफएस) योजना की शुरुआत की थी। इसकी निगरानी डीपीआईआईटी करता है, जबकि भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) एफएफएस का संचालन करता है।

यह उल्लेखनीय है कि भारत ने दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है, जिसमें 31 दिसंबर 2024 तक स्टार्टअप को मान्यता देने के लिए डीपीआईआईटी ने 1.57 लाख से अधिक प्रमाणपत्र जारी किए हैं। वहीं, 100 से अधिक यूनिकॉर्न की मौजूदगी देश के उद्यमशीलता परिदृश्य को नवाचार के नए आयाम देने और विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर उत्पन्न करने में सहायक साबित हो रही

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