कोरबा :- छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना पाली खंड द्वारा 20 अगस्त मंगलवार को आयोजित भव्य जबर भोजली रैली मे छत्तीसगढ़ लोक पर्व की संस्कृति,सभ्यता,लोकगीत की झलक दिखी भारी संख्या में माताओं और बहनों ने सिर मे धारण किए भोजली का भव्य शोभायात्रा के पश्चात शिव मन्दिर घाट पर पारम्परिक तरिके से विधिवत पूजा अर्चना के साथ विसर्जन किया यह भोजली शोभायात्रा पहले जोरदार फिर रिमझिम बारिश के बीच महामाया दाई मन्दिर प्रांगण से बाजे गाजे,छत्तीसगढ़ महतारी झांकी,डी जे,कर्मा नाच,राउत नाच,गड़वाँ बाजा,सुवा नृत्य पारम्परिक वाद्ययंत्र,लोक नृत्य,नव दुर्गा झांकी,के साथ निकाली गई जो पुराना बस स्टैंड से होते हुए गांधी चौक,बाजार पारा,अटल चौक,पोड़ी चौक,शिव मन्दिर चौक के बाद नौकोनिया तालाब के शिव मन्दिर घाट पहुँचा,यहां परम्परा अनुसार पूजा अर्चना के साथ भोजली विसर्जन किया गया रक्षाबंधन के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ का लोकप्रिय पर्व भोजली तिहार मनाया जाता है खासकर गांवों में इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिलता है जहां बाजे-गाजे के साथ भोजली विसर्जित होती है मान्यता हैं कि इसका प्रचलन राजा आल्हा ऊदल के समय से है यह पर्व अच्छी बारिश,अच्छी फसल और जीवन में सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है
रक्षाबंधन के दूसरे दिन महिलाओं द्वारा इनकी पूजा-अर्चना करके विसर्जन के लिए पारम्परिक लोक गीत देवी गंगा….के आवाह्न के साथ इन टोकरियों को सिर मे धारण कर स्त्रोतों,तालाब,नदी के लिए शोभा यात्रा के रूप में ले जाया जाता है पाली में इस लोक पर्व को छत्तीसगढ़या क्रांति सेना पाली द्वारा भव्य महा उत्सव का रूप दे दिया है जिनके द्वारा विगत 3 वर्ष से भव्य रूप में शोभायात्रा के साथ विसर्जन किया जाता है जिसमें ग्राम वासी अधिक से अधिक संख्या में लोग शामिल होते हैं!बादल दुबे जिला मंत्री छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना कोरबा से मिली जानकारी के अनुसार संगठन का मूल उद्देश्य छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ की संस्कृति सभ्यता बोली भाखा तीज त्यौहार विलुप्त होने की कगार पर थी उसको पुनःभव्य रूप से छत्तीसगढ़ में स्थापित करना है l