स्विगी, जोमैटो, ओला से

नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश करने जा रही है. इस बजट में गिग श्रमिकों/ ऐसे श्रमिकों जो मुख्य रूप से ई-कॉमर्स कंपनियों, मैन्युफैक्चरिंग और निर्माण से जुड़ी कंपनियों में अस्थायी नौकरियां करते हैं, उन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभ मुहैया कराने का ऐलान हो सकता है. वित्त मंत्री सीतारमण बजट 2024 में एक सामाजिक सुरक्षा कोष की घोषणा कर सकती हैं, जिसमें कंपनी और सरकार द्वारा भी योगदान दिया जाएगा. बता दें कि, इस फंड का इस्तेमाल गिग श्रमिकों के लिए दुर्घटना और स्वास्थ्य बीमा कवरेज बढ़ाने के लिए किया जाएगा.

बकौल सूत्र, सरकार अगले केंद्रीय बजट में असंगठित क्षेत्रों और सभी गिग श्रमिकों के लिए एक राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा बोर्ड की घोषणा कर सकती है, जो उन्हें श्वस्ढ्ढष्ट की तर्ज पर उनके परिवारों को चिकित्सा उपचार का लाभ मुहैया कराएगा. बजट में अस्थायी कर्मचारियों के लिए इस फंड से सेवानिवृत्ति लाभ और अन्य सुविधाओं की भी घोषणा हो सकती है.

गिग श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा लाभ के लिए बजट

सरकार द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार, सामाजिक सुरक्षा लाभ बढ़ाने के लिए सभी गिग श्रमिकों को अनिवार्य रूप से पंजीकृत होना होगा. उन्हें काम पर रखने वाली कंपनियों को इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा. इसके अलावा, कंपनियों को अपने राजस्व का 1-2त्न इस सामाजिक सुरक्षा कोष में योगदान करने के लिए कहा जा सकता है. निर्माण-संबंधी कार्यों में लगी कंपनियों को सामाजिक सुरक्षा निधि के लिए स्श्वढ्ढस् वसूली का बोझ उठाने के लिए भी कहा जा सकता है. इन नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों से वसूला गया जुर्माना भी सामाजिक सुरक्षा कोष में जमा किया जाएगा.

क्या होते हैं गिग श्रमिक?

गिग वर्कर वे श्रमिक होते हैं, जो आवश्यकता के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े होते हैं. अधिक विस्तृत रूप से कहें तो, ये कारखानों में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी, कॉन्ट्रैक्ट करने वाली फर्मों के कर्मचारी, आईटी कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट या परियोजना के आधार पर काम करने वाले कर्मचारी, और कॉल-आधारित काम के लिए उपलब्ध कर्मचारी, इत्यादि हैं.

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