एक बुजुर्ग की प्रेम कहानी पर आधारित यह फिल्म “यादव जी के मधु जी” 28 फरवरी को प्रदेश भर में एक साथ होगी रिलीज….
बिलासपुर :- “यादव जी के मधु जी” छत्तीसगढ़ी फिल्म 28 फरवरी से प्रदेश के 35 सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज होने जा रही है। यह फिल्म बिलासपुर और इसके आसपास के क्षेत्र में शूटिंग की गई है। यह फिल्म एक रिटायर्ड बुजुर्ग व्यक्ति के प्रेम कहानी पर आधारित फिल्म है जिसमें वह अपनी हम उम्र की एक महिला से प्रेम कर बैठता है जिसे समाज और परिवार स्वीकार करने तैयार नहीं है।
फिल्म आखिरी समय तक अपने दर्शकों को किस तरह बांधकर रखती है और इस फिल्म का अंतिम परिणाम क्या आता है यह फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा। इस संबंध में बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा के दौरान फिल्म के निर्देशक आदिल खान,मुख्य कलाकार सुनील चिपड़े, रोहित वैष्णव और वैष्णवी जैन ने बताया कि फिल्म क्षेत्रीय भाषा छत्तीसगढ़ी और हिंदी मिक्स में तैयार हुई है। इस फिल्म के ज्यादातर कलाकार रंगमंच से जुड़े हुए है ।
रंगमंच की वास्तविक सरलता फिल्म के अभिनय में दिखेगी और फिल्म रियलिस्टिक बन पड़ी है। यह 70 एमएम की ईस्टमैन कलर टोन और सिनेमा टू ग्राफी स्टाइल दूसरी फिल्मों से डिफरेंट है। स्क्रीन प्ले,तकनीक, डायलॉग,भाषा,म्यूजिक और बीजीएम म्यूजिक,लिरिक्स फोक म्यूजिक यह सब दूसरी फिल्मों से कुछ हटकर है।यह फिल्म सिर्फ छत्तीसगढ़ी लोगों के लिए ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में रह रहे विभिन्न भाषा भाषी लोगों तक भी पहुंचेगी।भाषाई सरलता और सिचुएशन की वजह से हर व्यक्ति के देखने लायक है।
फिल्म के कलाकारों ने बताया की सुंदरानी चैनल पर इसका ट्रेलर अभी रिलीज हो चुका है। अर्बन सिटी बेस्ड भाषा में यह फिल्म लोगों को पसंद आएगी। अपना सिनेमा बैनर तले बनी इस फिल्म का लोगों को बड़ी बेसब्री से इंतजार हो रहा है। इस फिल्म में सात गाने हैं जिसमें कसम से और चना के दार गाना लोगों की जुबान पर चलने लगा है। विभिन्न आयोजनों में भी डीजे और साउंड सिस्टम में यह गाने धूम मचा चुके हैं।
हास्य प्रधान यह फिल्म संवेदनशीलता से भी भरी हुई है। एक जिम्मेदार बुजुर्ग अपने उम्र के अंतिम पड़ाव में किस तरह प्रेम करके उसे निभाता है यह सारी बातें फिल्मों में समाहित है। परिवार के लोग बुजुर्ग यादव की प्रेम कहानी को कैसे और क्यों एक्सेप्ट करते हैं यह 28 फरवरी को ही पता चलेगा।