नगरी – छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के आदिवासी विकास खंड नगरी में स्थित गांव बोडरा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से तकरीबन 160 किमी की दूरी पर स्थित है। आदिवासी-बहुल यह बोडरा गांव मैं कक्षा पहली से आठवीं तक की कक्षाएं संचालित है। महेंद्र कुमार बोरझा विगत 9-10 वर्षों से अपने स्कूल माध्यमिक शाला बोडरा में आसपास के छात्र-छात्राओं को सुबह के समय ऑफलाइन के माध्यम से क्लास ले करके पूर्व में भी अंग्रेजी सीखा रहे थे। ।
महेद्र कुमार बोरझा आनलाइन के माध्यम से पिछले 4 साल से आनलाइन क्लास लगातार संचालित कर रहे हैं। कोरोना काल के बाद से जो ऑनलाइन क्लास चालू है जो अब तक लगातार चल रहे हैं ,जो बंद नहीं हुआ है।
विगत दो वर्षों से कुमारी चेतना देशमुख भिलाई से कुमारी सुनैना कश्यप व शैलू दुबे गरियाबंद से , कुमारी आस्था साहू मगरलोड धमतरी से, तथा विभिन्न विकास खंड से कई छात्र/छात्राएं ऑन लाइन के माध्यम से अंग्रेजी सीख रहे हैं। महेंद्र कुमार बोरझा का यूट्यूब में भी अंग्रेजी के कई वीडियो अपलोड हैं जो अपने कक्षा में पढ़ाते हुए छात्र-छात्राओं के साथ हैं।
हमने महेंद्र कुमार बोरझा से यह जानने का प्रयास किया कि आप इतने समय निकालकर क्यों अध्यापन का कार्य करते हैं ,तो उन्होंने कहा कि जिन मुश्किलों का सामना मैंने किया है ,जो कठिनाई अंग्रेजी को लेकर मेरे साथ हुआ है ।वह परेशानी इन बच्चों को ना करना पड़े। यह सोच करके उन्होंने अंग्रेजी के ऑनलाइन क्लास तथा बच्चों को सिखाने की बात कही।
महेंद्र कुमार बोरझा जब 14 साल पहले इस स्कूल में आए, तब यहां एक पुराना बिल्डिंग था ।जो बाउंड्री वॉल विहीन था। इन्होंने समस्त ग्राम वासियों को विश्वास में लेकर सभी के साथ बैठक आयोजित कर ग्राम वासियों के साथ मिलकर योजना बनाए और उस योजना के अनुरूप कार्य करना शुरू किया । और सामुदायिक सहभागिता से 50000 की लागत से नल जल योजना,मंच निर्माण तथा विभिन्न प्रकार के वृक्षारोपण तथा शाला के अवश्यकता अनुसार निर्माण का कार्य किया।
माध्यमिक शाला बोडरा को देखने से कहीं से नहीं लगता कि यह शासकीय स्कूल है इस संस्था को देखकर ऐसा लगता है कि यह बहुत बड़ा प्राइवेट स्कूल है ।इसका बाह्य वातावरण बहुत ही आकर्षक है। और आज माध्यमिक शाला बोडरा भौतिक संसाधन से परिपूर्ण हो चुका है ।यहां नल जल, बाउंड्री बाल ,नया भवन और बागवानी में विभिन्न प्रकार के फल ,फूल लगे हुए हैं।
यहां विभिन्न किस्म के लगे हुए पाम का पेड़ , तथा पेड़ों पर किए हुए पेंटिंग लोगों को अपने और आकर्षित करते हैं। यहां पर केला ,अमरूद ,आम , बेर ,पपाया और गन्ना विभिन्न प्रकार के कई किस्मत के पेड़ लगे हुए हैं ।जो प्रकृति के प्रति शिक्षकों के लगाव को प्रदर्शित करता है। शिक्षा के क्षेत्र में यहां के समस्त ग्रामवासी तन, मन से शाला के साथ जुड़े हुए हैं तथा सामुदायिक सहभागिता के प्रति अपना मिसाल प्रस्तुत कर रहे हैं ।
माध्यमिक शाला बोडरा आज विकासखंड नगरी में तथा जिला धमतरी में मॉडल स्कूल के नाम से जाना जाता है ।जहां पर विभिन्न जिला के लोग इस स्कूल के प्रबंधन को देखने आते हैं। इस स्कूल को प्रबंधन को देखने के लिए जिला जसपुर, बालोद ,महासमुंद तथा कई विकासखंड के शिक्षक साथी आ चुके हैं ।और यहां के प्रबंधन को देखकर अपने यहां कार्य करने लगे हैं ।निश्चित रूप से यह मॉडल स्कूल अपने आप में काफी परिपूर्ण है ,तथा लोगों को अपने ओर आकर्षित करते हैं ।
गांव वासी अपने घर आए हुए मेहमान को अपने स्कूल को दिखाने ले जाते हैं ।वह अपने स्कूल के प्रति गौरव महसूस करते हैं। वर्ष 2023 24 में हुए वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में विकासखंड मंगललोड, कुरूद, धमतरी के बीआरसी तथा डीएमसी भी वार्षिक उत्सव कार्यक्रम को देखने आए थे। यहां प्रतिवर्ष समस्त ग्राम वासियों के माध्यम से वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है
जिसमें गांव के बच्चे बूढ़े युवा नागरिक सभी भाग लेते हैं। यहां वार्षिक उत्सव में विशाल भंडारा का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी अतिथि गण जो बाहर से आए हुए तथा समस्त ग्रामवासी एक साथ बैठकर के भोजन ग्रहण करते हैं। तथा प्रतिवर्ष यहां के छात्र-छात्राएं शैक्षिक भ्रमण में जाते हैं ,और यह शैक्षिक भ्रमण एक नियत तिथि पर प्रतिवर्ष 9 और 10 जनवरी को ही होता है।
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उसी प्रकार से वार्षिक उत्सव का कार्यक्रम 23 और 24 जनवरी को प्रतिवर्ष होता है। इस वार्षिक उत्सव में ग्राम वासियों के माध्यम से और शाला प्रबंधन समिति मिलकर के विशाल भंडारा का आयोजन किया जाता है, तथा बाल मड़ाई का आयोजन होता है ।जिसमें छात्र-छात्राएं विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाते हैं। इस स्कूल से प्रतिवर्ष प्रयास विद्यालयों में चयन होते हैं ।
इस वर्ष वर्तमान में कुमारी आरुषि और कुमारी नियति का प्रयास आवासीय विद्यालय में चयन हुआ है ।जो कोरबा और जगदलपुर में अध्यनरत है। निश्चित रूप से यह स्कूल अपने आप में विकास खंड तथा जिला के लिए एक मॉडल स्कूल है ,और यहां पर कार्यरत प्रधान पाठक महेंद्र कुमार बोरझा इस सब का श्रेय अपने समस्त स्टाफ और समस्त ग्राम वासियों को देते हैं ।महेंद्र कुमार बोरझा का कहना है कि यह काम केवल अकेला नहीं किया जा सकता।
जब तक ग्राम वासियों का सहयोग न मिले ,जब तक शिक्षक साथियों का सहयोग न मिले, जब तक छात्र-छात्राओं का सहयोग न मिले ,तो इस प्रकार से बड़ा कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकता। निश्चित रूप से यहां के समस्त ग्रामवासी अपने स्कूल के साथ हैं। प्रधान पाठक महेंद्र कुमार बोरझा का कहना है कि इन्होंने सभी शिक्षकों को अलग अलग जिम्मेदारी दे रखे हैं ,और सभी शिक्षक पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करते हैं, और अपने जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करते हैं।
यहां पर पदस्थ भूपेश कुमार बनपेला ,श्री गोविंद राम निषाद ,तथा श्रीमती गौरी साहू जो माध्यमिक शाला बोडरा में पदस्थ हैं जो अपने अपने कार्य के प्रति समर्पित हैं ।तथा छात्र-छात्राओं के साथ अतिरिक्त समय लेकर अध्यापन का कार्य करते हैं।
हमने प्रधान पाठक महेंद्र कुमार बोरझा से जानने का प्रयास किया कि इस वर्ष आप का भावी प्लान क्या है ?तो उन्होंने बताया कि इस वर्ष प्रयास विद्यालय में कम से कम 5 से 7 छात्र-छात्राओं को चयनित करने का लक्ष्य लेकर कार्य कर रहे हैं, उन्होंने यह भी बताया कि विगत 2023 24 में ग्राम बोडरा से पूर्व 9 छात्र-छात्राओं का विभिन्न विभागों में शासकीय नौकरियों में नियुक्ति हुई है ।
जो एक सत्र में एक गांव के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। हमने ग्राम प्रमुख अशोक कुमार कश्यप, शिव कुमार साहू , दशरथ साहू ,ईश्वर पुजारी, नंद किशोर पुजारी शाला प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष से हमने संपर्क किया तथा उनसे जानने का प्रयास किया कि आप लोगों ने अपने शाला का इतनी ज्यादा विकास कैसे किया,
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village-and-village-development-through-educationतो उन्होंने बताया कि समस्त शिक्षक ,शिक्षिकाओं के साथ मिलकर हमने योजना अनुरूप कार्य किया तथा हमारे प्रधान पाठक महेंद्र कुमार बोरझा के नेतृत्व मैं बताएं अनुसार कार्य किया और इस प्रकार से आज हमारा स्कूल प्रत्येक क्षेत्र में एक मॉडल स्कूल बन गया है।
महेंद्र कुमार बोरझा प्रधान पाठक समस्त ग्राम वासियों को एक साथ लेकर चलते हैं, यही कारण है कि आज यह स्कूल अपने आप में सफल हो पाया है और लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन पाया है। सामुदायिक सहभागिता का मिसाल देखना हो तो निश्चित रुप से इस स्कूल का अवलोकन जरूर कीजिए।