77 वर्ष में विश्व प्रसिद्ध विद्यासागर जी निधन छत्तीसगढ़ में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित छत्तीसगढ़ में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित
रायपुर। विश्व प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज का शनिवार देर रात हुआ निधन हो गया। जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज कुछ दिनों से बीमार चल रल रहे थे। डोंगरगढ़ की चंद्रगिरी में उन्होंने 77 वर्ष की उम्र मे अंतिम सांस ली। इस खबर से संपूर्ण जैन समाज में शोक की लहर है। देश भर के जैन समाज और आचार्यश्री के भक्तों ने उनके सम्मान में आज एक दिन अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का फैसला किया है। वहीं उनके निधन पर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने आधे दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया है
77 वर्ष में विश्व प्रसिद्ध विद्यासागर जी निधन पर कई नेताओं ने शोक जताया
आचार्य श्री के देह त्यागने की खबर से जैन समाज में शोक छा गया है. देशभर से श्रावक-श्राविकाएं उनका अंतिम दर्शन करने के लिए चंद्रगिरी तीर्थ पहुंच रहे हैं. उनके देह त्याग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत कई नेताओं ने शोक जताया है.
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हजारों की संख्या में अनुयायी डोंगरगढ़ की तरफ रुख
जानकारी के अनुसार, रविवार को उन्हें दोपहर 1 बजे पंचतत्व में विलिन किया जाएगा। आचार्य पिछले कई दिनों से बीमार थे और लगभग 6 महीने से वे डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी में ही रुके हुए थे। रात को सूचना मिलते ही आचार्यश्री के हजारों शिष्य डोंगरगढ के लिए रवाना हो गए। आचार्यश्री की अस्वस्थता के समाचार के चलते हजारों की संख्या में उनके अनुयायी पहले से ही डोंगरगढ़ पहुंच चुके थे। उनकी समाधि की सूचना के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में अनुयायी डोंगरगढ़ की तरफ रुख कर रहे हैं। आचार्य विद्यासागर महाराज ने सल्लेखना पूर्वक समाधि के उद्देश्य से पिछले दो दिनों से अन्न जल का भी त्याग कर दिया था।
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विष्णु देव साय ने राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महा मुनिराज जी के ब्रम्हलीन होने पर उन्हें नमन किया
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महा मुनिराज जी के ब्रम्हलीन होने पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का देश व समाज के लिए योगदान युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा। आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन।
जैन समाज के प्रमुख धर्म गुरुओं में से एक आचार्य विद्यासागर जी महाराज थे
गौरतलब है कि, जैन समाज के प्रमुख धर्म गुरुओं में से एक आचार्य विद्यासागर जी महाराज थे। कुछ महीने पूर्व विधानसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोंगरगढ़ पहुंचकर जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज से मुलाकात की थी, जिसकी फोटो उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी।
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समाज में विद्यासागर महाराज जी अमूल्य योगदान के लिए याद रखेंगी-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचार्य विद्यासागर के निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि, मेरे विचार और प्रार्थनाएँ आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के अनगिनत भक्तों के साथ हैं। आने वाली पीढ़ियाँ उन्हें समाज में उनके अमूल्य योगदान के लिए याद रखेंगी, विशेषकर लोगों में आध्यात्मिक जागृति के उनके प्रयासों, गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अन्य कार्यों के लिए। मुझे वर्षों तक उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ। मैं पिछले साल के अंत में डोंगरगढ़, छत्तीसगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकता। उस समय मैंने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी के साथ समय बिताया था और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया था।
आज बंद रहेंगी जैन समाज के दुकानें
आचार्य विद्यासागर जी महाराज के समाधि लेने पर देशभर में जैन समाज के लोग आज अपनी-अपनी दुकानें बंद रखेंगे। वहीं उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर एक बजे चंद्रगिरि तीर्थ में ही होगा। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए देशभर से उनके शिष्य चंद्रगिरी पहुंचे हैं। गौरतलब है कि आचार्य विद्यासागर ने 6 फरवरी को योग सागर जी से चर्चा की और फिर आचार्य पद का त्याग कर दिया था। उन्होंने मुनि श्री समय सागर महाराज को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए उन्हें आचार्य पद देने की घोषणा कर दी थी।